Tuesday, May 29, 2007

विचलित मन के उदगार

एहसास

ये क्या हो गया,
मैं हवा हो गया ।
समंदर की लहरों से पूछो,
मैं कहॉ खो गया ।
आयी एक आंधी ,
संसार सुनसान हो गया।
मची भयंकर तबाही ,
अपने घर मैं मेहमान हो गया ।
कभी एक तमन्ना थी ,
कभी था एक सपना ।
कभी थी कोई जो ,
कहती थी मुझे अपना ।
ईन आंखों से भी आँसू ढलते थे ,
ईन लबों पर भी मुस्कान होती थी ।
इन्सान के जिस्म मॆं ,
मैं बुत हो गया ।
नज़रों से परे ,
आंखों के पार ।
महसूस करो मुझे ,
मैं एक एहसास हो गया ।

Wednesday, May 23, 2007

I can't

I can't
I want to forget you,
I want to forgive you,
I can't.
For all the moments we spent,
For all the secrets we shared,
I can't.
You might be selfish bitch,
Your memories never gonna ditch,
How much I cry,
However hard I try,
I can't.
Farther and farther you may go,
My pains you may not know,
You can forget me,
You can omit me,
I can't.

Tuesday, May 15, 2007

मेरी पहली हिंदी रचना

आज पहली बार मैं हिंदी मैं अपने blog पर कुछ लिख रहा हूँ और वो भी London से ।

भूल जाओ
आंखें भर आयी हैं उनका इंतज़ार करते करते
थक सा गया हूँ, प्यार करते करते।
मना किया था लोगों ने , ना लगाओ दिल जालिम से
मगर ये दिल ना माना , मोहब्बत हुई कातिल से।
गुजरता हुआ हर पल, मुझसे कह रहा है
वो ना आएगी, भूल जा उसे
याद उसकी ना भुलाई जाती है,
लाख चाहा , फिर भी वो याद आती है।
वो चंदन सा तन, वो सुन्दर नयन
वो बारिश की रात, वो मधुर मुस्कराहट ।
नही भुला सकता मैं, लाख मैं चाहूँ
ना आये वो, मैं क्यों उसे भुलाऊँ।